जंग
MAKE LOVE NOT WAR
SPREAD THIS MESSAGE OF LOVE TO ALL. WE DO NOT WANT A WAR.
सरहद पर पिस्तौल साधे, लड़ने को हम बेताब है
आँखों में पट्टी डाले ,परिणामो से अनजान है
छिड़ गयी जंग जो भला किसी का न होगा
मरेंगे पाकिस्तानी तो रोना हमको भी होगा
तरक्की की शहादत देने को क्या हम तैयार है
भाइयो पे बन्दूक तान ने को क्यों हम बेकरार है
हिमालय की पावन चोटियों पे रक्त बहाना हमको गवारा क्यों है
रिश्तो में पड़ी सिलवटे सुलझाने का जंग ही एक चारा क्यों है
इंसान रहते उधर भी, ये भुला सकते नही
पाकिस्तान से रिश्ते पुराने क्या मिटा सकते कभी
वो देश भी तो है भारत के जैसा
इधर गाँधी तो उधर जिन्नाह का है पैसा
बर्बादी का गुरु नानक को क्या देंगे जवाब
सरहद के उस ओर भी तो है अपना प्यारा पंजाब
माना कुछ बिगड़े पठानों का है वो पिंड
मगर भारत से होकर उधर भी तो बहती है सिंध
साथ बैठ अंग्रेज़ो की तानाशाही हमने देखी है
भाईचारे की सबसे पुरानी कहानी भी तो अपनी एक ही है
मरते नहीं सिर्फ सैनिक मैदान ऐ जंग मे
मिट जाती है इंसानियत इस पागलपन मे
बारूद की आग से हुई कोठरियाँ कभी रौशन नहीं
सैनिको के बलिदान से बना मुल्क कोई महान नहीं
परदेसी सही पर हम जैसे ही वो है
भटक गए वो कभी, पर भाई अपने ही तो है
गुरूर उनमे है तो क्या आरम्भ हम कर देते है
दूरियां मिटाने की एक प्रयास और कर लेते है
नज़दीक भले हम ज्यादा आ पाए नहीं
पर बेपक एक कत्लेआम से बच जाएंगे सारे सभी
© UMANG
आँखों में पट्टी डाले ,परिणामो से अनजान है
छिड़ गयी जंग जो भला किसी का न होगा
मरेंगे पाकिस्तानी तो रोना हमको भी होगा
तरक्की की शहादत देने को क्या हम तैयार है
भाइयो पे बन्दूक तान ने को क्यों हम बेकरार है
हिमालय की पावन चोटियों पे रक्त बहाना हमको गवारा क्यों है
रिश्तो में पड़ी सिलवटे सुलझाने का जंग ही एक चारा क्यों है
इंसान रहते उधर भी, ये भुला सकते नही
पाकिस्तान से रिश्ते पुराने क्या मिटा सकते कभी
वो देश भी तो है भारत के जैसा
इधर गाँधी तो उधर जिन्नाह का है पैसा
बर्बादी का गुरु नानक को क्या देंगे जवाब
सरहद के उस ओर भी तो है अपना प्यारा पंजाब
माना कुछ बिगड़े पठानों का है वो पिंड
मगर भारत से होकर उधर भी तो बहती है सिंध
साथ बैठ अंग्रेज़ो की तानाशाही हमने देखी है
भाईचारे की सबसे पुरानी कहानी भी तो अपनी एक ही है
मरते नहीं सिर्फ सैनिक मैदान ऐ जंग मे
मिट जाती है इंसानियत इस पागलपन मे
बारूद की आग से हुई कोठरियाँ कभी रौशन नहीं
सैनिको के बलिदान से बना मुल्क कोई महान नहीं
परदेसी सही पर हम जैसे ही वो है
भटक गए वो कभी, पर भाई अपने ही तो है
गुरूर उनमे है तो क्या आरम्भ हम कर देते है
दूरियां मिटाने की एक प्रयास और कर लेते है
नज़दीक भले हम ज्यादा आ पाए नहीं
पर बेपक एक कत्लेआम से बच जाएंगे सारे सभी
© UMANG
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