हिंदी शायरी
ज़िन्दगी के तीन एहम पहलुओ पे मेरे द्वारा लिखे गए चंद शब्द, उम्मीद करता हु आपको पसंद आएंगे | बचपन छूट गया वो सब जो हमारा अपना था , वो वक़्त नहीं एक सुन्हेरा सपना था | जब सुकून की नींद खुली छत पे भी आती थी, बीत गया वो पल जब नाम हमारा बच्चा था | मोहब्बत माथे पे तेरे शिकन भी मुझको खलती है , देख तेरी ढलती उम्र, साँसे मेरी थमती है | मोहब्बत किसी और से क्या करू मै माँ, दिल मेरा मुझमे, पर धड़कन तुझमे बस्ती है | ज़िन्दगी बयाँ इसको कर पाना आसान नहीं है, दिल है धडकता पर जिंदा नहीं है | बहती जाए दरिया में कश्ती जो , नाम उस कश्ती का ज़िन्दगी नहीं है | -उमंग